हैं मजबूत इरादे बिना तामील के बेमानी,
कागज़ की कश्ती पर समंदर पार नहीं होते !
बिना कोशिश बस ख्वाब में मिलती है मंज़िल ,
बिना गिरे तो शहसवार भी तैयार नहीं होते !
हैं मजबूत इरादे बिना तामील के बेमानी,
कागज़ की कश्ती पर समंदर पार नहीं होते !
बिना कोशिश बस ख्वाब में मिलती है मंज़िल ,
बिना गिरे तो शहसवार भी तैयार नहीं होते !