वो परेशां हो गए संग बरसाते,
मैंने न कभी उनको पलट कर देखा !
ये मेरी जाँ जिस्म से तब निकली,
मैंने जब तेरे भी हाथ में ख़ंजर देखा !!
वो परेशां हो गए संग बरसाते,
मैंने न कभी उनको पलट कर देखा !
ये मेरी जाँ जिस्म से तब निकली,
मैंने जब तेरे भी हाथ में ख़ंजर देखा !!